
न्यूज़ खबर इंडिया
जौनपुर : अलविदा जुमा की नमाज़ से पहले खुतब ए जुमा में नमाजियों को खेताब करते हुए इमामे जुमा मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने कहा 9कि मौजूदा हालात में मिल्लत के मसायल तभी हल होगें जब मिल्लत में ज़िन्दगी के हर शोअबे (वर्ग) के माहिर पाये जायें इसलिए हर हालत में अपने बच्चों को अच्छी तालीम (शिक्षा) दिलाएं उन्होंने क़ौम को बुराईयों से दूर रहने का भी पैग़ाम दिया, मिल्लत में एक दूसरे को नुक़सन पहुंचाने की ज़हनीयत (मानसिकता) छोड़कर मिल्लत को जोड़ने पर ज़ोर दिया उन्होंने फितरे के हवाले से बताया कि चूंकि यहां पर ज़्यादातर लोग गेहूं खाते हैं इसलिए तीन किलो के हिसाब से 90 रूपया एक फितरे की रक़म बनती हैं नमाज़ के बाद यौमे क़ुदस के हवाले से बैतूल मुक़द्दस की बहाली और फिलीस्तीन के मुसलमानों के लिए दुआ मौलाना महफूज़ुल हसन खां साहब ने कराई उन्होंने पारा चीनार पाकिस्तान में शियों के शहीदों की मग़फेरत के लिए भी दुआ की वहां शियो पर होने वाले वाले ज़ुल्म के लिए पाकिस्तान सरकार की मज़म्मत (निन्दा ) भी की उन्होंने वतने अज़ीज़ हिन्दोस्तान की खुशहाली की भी दुआ की अलविदा नमाज़े जुमा कै प्रोग्राम की निज़ामत ( संचालन) सैय्यद असलम नक़्वी ने किया मुतवल्ली शेख़ अली मंज़र डेज़ी ने बताया कि नमाज़ ज़िला प्रशासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ जौनपुर में अदा की गई ,