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टीडी डिग्री कॉलेज में “सृजन” के तत्वाधान में मनाया गया महिला दिवस

टीडी डिग्री कॉलेज में "सृजन" के तत्वाधान में मनाया गया महिला दिवस

न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता

जौनपुर टीडी डिग्री कॉलेज में “सृजन” के तत्वाधान में महिला दिवस मनाया गया प्रो रीता सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी जाति ,धर्म, वर्ग और संप्रदाय के लोगों को शुभकामनाएं एवं बधाइयां दिया । प्रो शिखा श्रीवास्तव ने कहा कि सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए सम्मान, अधिकार, समानता, सशक्तिकरण” की थीम हमें याद दिलाती है कि हर महिला सम्मान और मान्यता की हकदार है । प्रो शशि सिंह ने कहा कि आदिकाल से लेकर आज तक दुनिया के हर देशों में महिलाओं ने आकाश से लेकर पाताल तक बहुत ही अनोखे एवं चमत्कारिक कार्य किए हैं, हमारे धार्मिक ग्रंथो में भी महिलाओं के विद्वता और सहभागिता का वर्णन मिलता है । प्रो आभा सिंह ने कहा कि आधुनिक दुनिया में भी साइंस, टेक्नोलॉजी ,राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, एवं प्रशासन के क्षेत्र में महिलाओं ने सराहनीय एवं ऐतिहासिक सफलता हासिल किया है । प्रो सुषमा सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि चिंता का विषय है कि इतनी बड़ी जनसंख्या में ये उपलब्धियां बिल्कुल ऊंट के मुंह में जीरा जैसी उपलब्धि है,। डॉ माया सिंह के विचार से तैंतीस प्रतिशत महिला आरक्षण, महिला सशक्तिकरण धनात्मक सोच की दिशा में सराहनीय कदम है । डॉ गीता सिंह ने हुंकार भरते हुए अपने भाषण में कहा कि हम महिलाओं एवं लड़कियों की मंशा है कि खुले आसमान में जिस तरह पुरुषों के साथ दुनियां में समाज व प्रशासन व्यवहार करता है, उसी तरह हमारे साथ भी व्यवहार हो, लड़कियां स्वावलंबी बनें । डॉ छाया सिंह ने कहा कि हमें हर क्षेत्र में संविधान संवत सारी योजनाओं में, उपलब्धियों में, बजट में तथा विकास के तमाम क्षेत्रों में बराबर की भागीदारी का मौका मिलना चाहिए। डॉ विजय लक्ष्मी ने कहा कि हम उन महिलाओं की भी चिंता करना चाहेंगे जो गरीबी में पल रहे हैं । जो श्रमिक क्षेत्र में या गरीबी रेखा के नीचे भी जीवन यापन करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में, राजनीति के क्षेत्र में, सामाजिक कार्यों में, रोजी रोजगार में, अपने मान सम्मान, स्वाभिमान, समानता एवं अधिकार से वंचित रह जाते हैं ।उन्हें वह सब सरकार संविधान और समाज खुले मन से अधिकार पूर्वक उपलब्ध कराए । सबका आभार व्यक्त करते हुए डॉ शुभ्रा सिंह ने कहा कि आइए हम ऐसे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हों जहाँ महिलाओं की आवाज़ सुनी जाए, उनके अधिकारों को बरकरार रखा जाए और उनके सपने साकार हों।

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