
न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता
जौनपुर उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी विद्यालयों के मर्ज/बंद किए जाने की सरकारी योजना के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय, पहितियापुर में ताले की सूचना मिलते ही ग्रामीणों में आक्रोश और चिंता की लहर दौड़ गई। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को विद्यालय प्रांगण में एक ग्रामसभा बैठक आयोजित की गई, जिसमें भारी संख्या में ग्रामीण, अभिभावक और शिक्षा प्रेमी शामिल हुए।
बैठक में गांव के स्कूल को बंद न किए जाने की पुरजोर मांग उठाई गई। अभिभावकों ने चिंता व्यक्त की कि यदि विद्यालय बंद होता है, तो उनके बच्चों को दूरस्थ स्थानों पर पढ़ाई के लिए जाना पड़ेगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत खतरनाक है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के चारों ओर पीली नदी, जंगल, हाईवे और रेलवे लाइन हैं, जिससे छोटे बच्चों का आवागमन जोखिमभरा हो जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 45 और अनुच्छेद 21A का हवाला देते हुए कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को मुफ्त और नजदीक स्थित स्कूल में शिक्षा का अधिकार मिले। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी नीतियां अब संविधान के इन प्रावधानों को भी दरकिनार कर रही हैं।
इस मौके पर ग्राम प्रधान दीपचंद खरवार, पत्रकार महेन्द्र कुमार दूबे, अधिवक्ता मिथिलेश मौर्य, मृदुल दूबे, अशोक खरवार, शिशिर दूबे, मनीष मिश्र, दिलीप खरवार, संजय यादव, राजकुमार मौर्य, मु. रफीक, संदीप यादव, रामसिंगार दूबे, पूनम प्रजापति, राहुल गुप्ता, सिद्धार्थ खरवार, रवि दूबे, गौरव दूबे, मु. साहिल, रहमान शेख, आशीष मौर्य, विवेक कुमार, महेंद्र गौतम सहित बड़ी संख्या में अभिभावक और बच्चे उपस्थित रहे।