
न्यूज़ खबर इंडिया
जौनपुर। जफराबाद थाना क्षेत्र के सरैया गांव के लगभग 40 ग्रामीणों ने चकबंदी विभाग पर मनमानी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को डीएम कार्यालय पहुंचकर जांच व कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने डीएम डॉ. दिनेश चंद को सामूहिक रूप से हस्ताक्षरित शिकायती पत्र सौंपते हुए चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की।
ग्रामीणों का नेतृत्व मनीष राय कर रहे थे, जो ट्रैक्टर-ट्राली के माध्यम से सुबह करीब 11:30 बजे डीएम कार्यालय पहुंचे। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह को मौके पर भेजा और ग्रामीणों से मुलाकात कर शिकायतें सुनीं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान बंदोबस्त अधिकारी पवन कुमार सिंधू, लेखपाल धर्मेंद्र सिंह एवं सीओ चकबंदी किरतापुर रामजी शुक्ला द्वारा फार्म-35 में चकों की लंबाई-चौड़ाई से संबंधित प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया। साथ ही पीडब्ल्यूडी के लिए आरक्षित भूमि पर अवैध निर्माण कराने का भी आरोप लगाया गया।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि गांव में चल रही चकबंदी प्रक्रिया में लेखपाल और सीओ चकबंदी ने कुछ चुनिंदा लोगों की सहमति से 50 से अधिक काश्तकारों के चकों का गलत आवंटन कर दिया। विरोध करने पर चकों को दूर स्थान पर शिफ्ट करने की धमकी दी जाती है।
ग्रामीणों ने सरैया गांव में चल रही चकबंदी प्रक्रिया की जांच किसी निष्पक्ष और सक्षम अधिकारी से कराने की मांग की। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि किसी भी काश्तकार के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।