
न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता
वाराणसी पिंडरा – .उत्तर प्रदेश में दीवानी न्यायालयों में तो लोक अदालतों का सफलतापूर्वक आयोजन हो रहा है, लेकिन कलेक्ट्रेट और तहसील स्तर के न्यायालयों में लोक अदालतें आयोजित नहीं की जा रही हैं, जिससे आम जनता को सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसको लेकर जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी आज विधी विभाग अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी पिण्डरा के माध्यम से सौंपा है।
यह ज्ञापन अधिवक्ता अवधेश कुमार पाण्डेय (तहसील अध्यक्ष), लोकेश कुमार सिंह (जिला अध्यक्ष), बालमुकुन्द, डॉक्टर हौसला सिंह राजीव कुमार राजू उपाध्यक्ष ,चंदन कुमार, और रतनलाल के राकेश सिंह रिशु,नेतृत्व में सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार प्रत्येक जनपद में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन दीवानी, कलेक्ट्रेट और तहसील न्यायालयों में किया जाना चाहिए। दीवानी न्यायालयों में यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक संचालित की जा रही है, जिससे तमाम मुकदमे आपसी सुलह-समझौते से निस्तारित हो रहे हैं। इससे न्यायालयों में लंबित वादों का भार कम हो रहा है और वादकारियों को शीघ्र न्याय मिल रहा है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि कलेक्ट्रेट और तहसील न्यायालयों में लोक अदालतों का आयोजन न होने से वहां लंबित मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके चलते वादकारी वर्ग अनावश्यक रूप से उलझ रहा है, जबकि कई मामलों का समाधान सुलह-समझौते से आसानी से किया जा सकता है, यदि लोक अदालतों की सुविधा वहां भी मिले। अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री से प्रदेश के सभी कलेक्ट्रेट और तहसील न्यायालयों में नियमित रूप से राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित कराने की मांग की है, ताकि न्यायिक प्रणाली को सरल, प्रभावी और आमजन के अनुकूल बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालतें वादकारियों के लिए समय, धन और मानसिक ऊर्जा की बचत का माध्यम बनती हैं। ज्ञापन सौंपने वालों ने भरोसा जताया कि माननीय मुख्यमंत्री इस विषय पर शीघ्र संज्ञान लेंगे और लोक अदालतों के दायरे को विस्तार देने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।