रेलवे स्टेशन के सामने अतिक्रमणकारियो का बोलबाला,
रेलवे स्टेशन के सामने अतिक्रमणकारियो का बोलबाला, सम्बंधित अधिकारी दुर्घटना तक होने का कर रहे इंतजार

न्यूज़ खबर इंडिया
वाराणसी
वाराणसी रेलवे स्टेशन,जो महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है पर स्टेशन के मुख्य द्वार से लेकर आसपास की सड़कों तक अवैध दुकानों और फुटपाथी व्यापारियों का बोलबाला है। सड़कों पर डिवाइडर के बावजूद भी जमीन पर अतिक्रमण है, जिससे न केवल यातायात बाधित होता है बल्कि यात्रियों और स्थानीय लोगों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेलवे और आरपीएफ की उदासीनता ने इन अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। रेलवे स्टेशन के सामने इन अवैध दुकानों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। फल, चाय, गुटखा, मोबाइल कवर, कपड़े—हर तरह की अस्थायी दुकानें सड़क पर पसर चुकी हैं।
प्रशासन और रेलवे पुलिस की निष्क्रियता इस समस्या को और भी गंभीर बना रही है। आरपीएफ और जीआरपी के जवान रोज इसी मार्ग से गुजरते हैं, यहां तक कि रेलवे के बड़े अधिकारी भी इन्हीं अतिक्रमित रास्तों से स्टेशन तक पहुंचते हैं, मगर किसी की नजर इस पर नहीं जाती। स्थानीय लोगो को संदेह है कि यह सब किसी सहमति के तहत चल रहा है। । रेलवे स्टेशन एक सार्वजनिक संपत्ति है, जहां देशभर से यात्री आते हैं। अराजकता और अव्यवस्था का ऐसा दृश्य न केवल नगर की छवि को खराब करता है, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी यह गंभीर खतरा है। भीड़भाड़ वाले इन इलाकों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना आसान हो जाता है, और कोई अप्रिय घटना घटने पर इसका खामियाजा आम नागरिकों को ही भुगतना पड़ता है। कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से भी नागरिकों ने इस मुद्दे को उठाया है, मगर न तो नगर निगम, न ही रेलवे प्रशासन या जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही की है। कुछ महीनों पहले महज दिखावे के लिए एक-दो बार औपचारिक अभियान चलाया गया, लेकिन वह भी … सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने जैसा रहा। जरूरत है कि वाराणसी प्रशासन, रेलवे बोर्ड और स्थानीय पुलिस मिलकर इस अतिक्रमण के जाल को खत्म करें और रेलवे स्टेशन क्षेत्र को सुचारु और सुरक्षित बनाया जाए।