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सीएम योगी से मिले मंत्री ओमप्रकाश राजभर व महासचिव अरूण राजभर,

सीएम योगी से मिले मंत्री ओमप्रकाश राजभर व महासचिव अरूण राजभर,

न्यूज़ खबर इंडिया

लखनऊ।   उत्तर प्रदेश सरकार में सहयोगी सुभासपा अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज से लखनऊ स्थित कालिदास मार्ग स्थित आवास पर भेंट की। इस अवसर पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता एवं राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर जी भी उपस्थित रहे। पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच कोटे में कोटा का राग छेड़ दिया है। वह पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के आरक्षण में बंटवारे की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसे लागू करने की माँग की और जल्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाक़ात कर उनके सामने प्रस्तव रखने जा रहे हैं। प्रस्ताव के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति आरक्षण में इन वर्गों की अति व सर्वाधिक पिछड़ी जातियों को अलग से कोटा दिए जाने की मांग की है।मंत्री राजभर लंबे समय से ओबीसी के आरक्षण कोटे में बंटवारे की मांग करते आ रहे हैं। मंत्री राजभर का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति में अति व सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए – अलग से सीटें आरक्षित किया जाना समय की मांग है। मौजूदा व्यवस्था में इन जातियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। आरक्षण का लाभ ओबीसी और एससी की कुछ चुनिंदा जातियों के लोग उठा रहे हैं। जिसका जीता जागता प्रमाण अभी हुई पुलिस की भर्ती में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ 19000 से ज़्यादा ओबीसी की मजबूत जाति ही लाभ उठा ली है ।ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण में बंटवारे के उद्देश्य से सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को तीन भागों में बांटने की सिफारिश है। पिछड़ी जातियों के लिए सात प्रतिशत कोटा प्रस्तावित है जिसमें 16 पिछड़ी जातियों को रखा गया है। अति पिछड़ी जातियों के लिए नौ प्रतिशत कोटा प्रस्तावित है जिसमें 32 पिछड़ी जातियों को रखा गया है तथा 11 प्रतिशत कोटा सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए है जिसमें 57 पिछड़ी जातियों को रखा गया है। उनका कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति के आरक्षण कोटे के उपवर्गीकरण का आदेश भी दिया है, यह भी किया जाना चाहिए। राजभर का कहना है कि कोटें में कोटा निर्धारित करने के लिए विधानमंडल में प्रस्ताव लाकर कानून बनाने की जरूरत पड़ेगी। सरकार को इसके लिए राजी कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। सुभासपा अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2001 में हुकुम सिंह जी की अध्यक्षता में “सामाजिक न्याय समिति” का गठन इस आशय से किया गया था कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछडा वर्ग को मिल रहे 27% आरक्षण मे बंटवारा कर पिछड़े वर्ग के वंछित शेष सभी जातियों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाय। उक्त समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया था, इसके पश्चात ही तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया,जिससे उक्त समिति की रिपोर्ट प्रदेश में लागू नही हो सकी। उत्तर प्रदेश सरकार के उपरोक्त कार्यकाल के पश्चात बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी की सरकार वर्ष 2017 के पूर्व तक उत्तर प्रदेश में रही परन्तु बसपा व सपा की सरकारों द्वारा न ही 27% आरक्षण मे बंटवारा किया गया और न ही “सामाजिक न्याय समिति की उपरोक्त रिपोर्ट लागू की गयी जिससे पिछड़े वर्ग की कुछ जातियां ही आरक्षण का अधिकांश लाभ लेती रहीं और शेष अन्य पिछडी जातियों को आरक्षण का लाभ नही मिल सका और वे इससे वंछित रह गयीं।वर्ष 2017 मे पुनः भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माननीय न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह (से0नि0) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय “सामाजिक न्याय समिति” का गठन पुनः उपरोक्त आशय से किया गया। इस समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट मे यह सुझाव दिया है कि पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले 27% आरक्षण को तीन भागो मे बांटकर इसका लाभ पिछडा वर्ग को 7%, अतिपिछडा वर्ग को 9%, और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग को 11% आरक्षण का लाभ दिया जाय और इसे लागू किये जाने हेतु अपनी संस्तुति सहित रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश द्वारा भी सदन मे पीठ के समक्ष लोगों को यह आश्वासन व विश्वास दिया गया है कि “सामाजिक न्याय समिति” के इस रिपोर्ट को लागू किया जाएगा, परन्तु अभी तक उक्त समिति की रिपोर्ट लागू नही हो पायी है जिससे अन्य पिछड़ा वर्ग की अधिकांश जातियां आरक्षण के लाभ से अछूते / वंछित रह गए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर अपने निर्णयो द्वारा यह मंशा व्यक्त करते हुए निर्देश दिये हैं कि आरक्षण कोटे को उपवर्गीकृत करके समाज के वंछित व शोषित वर्ग के लोगों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाय। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण करते हुए अपने प्रदेश के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है। और देश के 9 प्रदेशो मे भी आरक्षण को उपवर्गीकृत करके उसका लाभ वहां के लोगों को दिया जा रहा है। हाल ही में हरियाणा में कोटे में कोटा कर आरक्षण दिया जा रहा है! “सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश मे भी 27% आरक्षण को उपवर्गीकृत करते हुए पिछड़ा वर्ग को 7%, अतिपिछड़ा वर्ग को 9%, और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग को 11% आरक्षण का लाभ दिया जाय जिससे पिछडा वर्ग के सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल सकें और पिछड़े वर्ग की शेष अन्य शोषित व वंछित जातियों का भी उन्नति और उत्थान हो सकें। और आरक्षण के उक्त उपवर्गीकरण को लागू करते हुए उसके आधार पर ही आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया जाना आवश्यक व न्याय संगत है। न्यायमूर्ति राघवेन्द्र सिंह (से०नि०) की अध्यक्षता मे गठित “सामाजिक न्याय समिति” की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश में अतिशीघ्र लागू करते हुए उपरोक्त उपवर्गीकृत आरक्षण के आधार पर ही आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराये जानें कृपा करें, जिससे वंछित पिछड़े वर्ग को भी आरक्षण का वास्तविक लाभ मिल सके और उनका भी समुचित प्रतिनिधित्व हो सकें।

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