
न्यूज़ खबर इंडिया
जौनपुर । नगर के प्रसाद तिराहे के समीप स्थित मां शीतला पैलेस में रविवार को जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पावन सानिध्य में एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक कार्यक्रम की सबसे विशेष बात रही कि इसमें तीन जोड़ों का दहेज मुक्त, सादगीपूर्ण विवाह सम्पन्न कराया गया, जिससे समाज में एक नई चेतना और जागरूकता का संचार हुआ।
गुरुवाणी के 17 मिनट में सम्पन्न हुआ विवाह, न तामझाम, न लेन-देन कार्यक्रम के दौरान, संत रामपाल जी महाराज की वाणी और शिक्षाओं के अनुरूप विवाह संपन्न कराए गए। केवल 17 मिनट की गुरुवाणी के साथ तीन जोड़ों का विवाह पूरी सादगी के साथ बिना किसी परंपरागत दिखावे, तामझाम, फिजूलखर्ची और दहेज के सम्पन्न हुआ। समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे दहेज प्रथा और सामाजिक आडंबरों के विरुद्ध एक सशक्त पहल बताया।
संत रामपाल जी का स्पष्ट संदेश: “न दहेज लेना है, न दहेज देना है”
नवविवाहित जोड़ों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि संत रामपाल जी महाराज सदैव अपने सत्संग प्रवचनों के माध्यम से दहेज, नशा, आडंबर और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ समाज को जागरूक करते हैं। उनका उद्देश्य है — एक समान, स्वच्छ और सुखद समाज की स्थापना, जिसमें न कोई आर्थिक भेदभाव हो और न सामाजिक शोषण।
संत जी द्वारा “दहेज मुक्त भारत” की पहल सत्संग में बताया गया कि देश में हर वर्ष हजारों बेटियाँ दहेज की बलि चढ़ जाती हैं। अमीर वर्ग शादी में बेहिसाब खर्च करता है जबकि गरीब वर्ग कर्ज में डूब जाता है। इन्हीं कुरीतियों को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज “दहेज मुक्त भारत” अभियान चला रहे हैं, जो आज एक जन-आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।