कचहरी में दरोगा पर हमला: पत्नी ने पुलिस विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
मदद को 40 मिनट तक तड़पता रहा सिपाही

न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता
*वर्दी के अन्दर का भरा दर्द*
*मेरे द्वारा कुछ और पुलिस प्रशासन के लोगों से बात चित हुआ तो पता चला कि ऐसे ही न जाने कितने कर्मचारी पुलिस विभाग में रहकर पीड़ित हैं, उनकी कोई सुनवाई नहीं, इनके लिए इनकी सुरक्षा के लिए कोई टीम गठित नहीं है, इनकी कोई सुरक्षा, सुनवाई नहीं है, बिना कसूर किए भी भुक्तभोगी होते है बस मीडिया में बात उछलने की देरी होती हैं और सस्पेंड या लाइनहाजीर कर दिया जाता है, वर्दी के अन्दर की दर्द कोई सुनने वाला नहीं लोग भूल जाते है कि वर्दी के अन्दर भी एक इन्सान है, किसी का बेटा तो किसी का पति तो किसी का पिता*
*समाज में लोगों के बदलते विचार कही धर्म के नाम पर लड़ाई तो कही जाती के नाम पर, लोगों के अन्दर पनपती नफरत की जहर एक परिवार को नहीं न जाने कितने परिवार को निगल रही है*
*वाराणसी।* न्यायालय परिसर में दरोगा पर हुए हमले का मामला अब पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। घटना के बाद दरोगा की पत्नी ने पुलिस विभाग पर ही गंभीर सवाल उठाए हैं।
पत्नी का आरोप – दरोगा को न्यायालय के कमरे में अकेले बंद कर दिया गया था। वह करीब 40 मिनट तक लगातार अपने आला अधिकारियों को फोन से मदद के लिए पुकारते रहे, लेकिन किसी ने मौके पर पहुंचकर उनकी सहायता नहीं की।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस विभाग में उनके पति निष्ठा से सेवा कर रहे हैं, वही विभाग संकट की घड़ी में उन्हें अकेला छोड़ गया। अब वह अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगा रही हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस विभाग की कार्यशैली और जिम्मेदारी पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायालय परिसर जैसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षा व्यवस्था पर भी अब सवालिया निशान लग गया है।
पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को लेकर उठे इन सवालों ने विभाग की छवि को झकझोर दिया है। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और पीड़ित दरोगा को न्याय कब तक मिलता है।