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वाराणसी में मड़ राने लगा बाढ़ का खतरा, बढ़ने लगा जलस्तर

वाराणसी में मड़ राने लगा बाढ़ का खतरा, बढ़ने लगा जलस्तर

 

न्यूज़ खबर इंडिया 

वाराणसी: मोक्षदायिनी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे वाराणसी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। रविवार को लगातार तीसरे दिन गंगा में बाढ़ के कारण सहायक नदी वरुणा में भी पलट प्रवाह शुरू हो गया है। इस स्थिति के चलते तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग पलायन करने को मजबूर हैं।

 

केंद्रीय जल आयोग द्वारा राजघाट पर सुबह 8 बजे जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी जलस्तर 70.262 मीटर और खतरा बिंदु 71.262 मीटर है। हालांकि, अब तक का अधिकतम जलस्तर 73.901 मीटर दर्ज किया गया है। रविवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 69.57 मीटर था, जो खतरे के निशान से ज्यादा दूर नहीं है।

लोगों की चिंता बढ़ी, प्रशासन अलर्ट – गंगा के जलस्तर में हो रही इस वृद्धि ने स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। बाढ़ के डर से कई लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। प्रशासन ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जरूरी कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।

 

प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। अगर जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो जल्द ही नौका संचालन पर एक बार फिर से प्रतिबंध लग सकता है। इससे न केवल स्थानीय नाविकों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी, बल्कि पर्यटकों की आवाजाही पर भी असर पड़ेगा।

 

राहत शिविरों की तैयारी और बारिश का अलर्ट – गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से न केवल वाराणसी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में, स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ राहत कार्यों को तेज करने का फैसला किया है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।

 

इस बीच, मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है। स्थानीय निवासियों को सलाह दी गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।

वाराणसी में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर हो रही है। इस चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन और स्थानीय निवासियों को मिलकर काम करना होगा। सभी को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है ताकि किसी भी तरह की आपदा से बचा जा सके।

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