यूपीवाराणसी

वाराणसी के कुलपति एवं विश्वविद्यालय की टीम ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से किया मुलाक़ात

वाराणसी के कुलपति एवं विश्वविद्यालय की टीम ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से किया मुलाक़ात

न्यूज़ खबर इंडिया 

वाराणसी।   प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी से आज राजभवन, लखनऊ में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति एवं विश्वविद्यालय की टीम ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा बी प्लस प्लस ग्रेड प्रदान किए जाने के उपलक्ष्य में भेंट कर आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के 18 राज्य विश्वविद्यालयों को नैक में ग्रेडिंग प्राप्त हो चुकी है।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल जी को विश्वविद्यालय की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि यह सफलता राज्यपाल जी के मार्गदर्शन, प्रेरणा तथा राजभवन द्वारा समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों की देन है। राज्यपाल जी द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता, शोध व नवाचार, आधारभूत संरचनाओं, पारदर्शिता एवं छात्र-हित में दिए गए स्पष्ट निर्देशों को गंभीरता से क्रियान्वित किया गया, जिससे यह उपलब्धि संभव हो सकी।

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय की टीम को बी प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि है, किंतु यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होनी चाहिए। अब विश्वविद्यालय को सर्वोच्च ग्रेड की ओर बढ़ना है। इसके लिए सतत गुणवत्ता सुधार, अनुशासन, शोध कार्य, सामाजिक सहभागिता तथा प्रभावी प्रशासनिक संस्कृति को अपनाना होगा।

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय में उपलब्ध प्राचीन एवं अनमोल पांडुलिपियों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यार्थियों को संस्कृत में भाषण हेतु तैयार किया जाए एवं इस उद्देश्य से नियमित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए, जिससे उनकी भाषा के प्रति आत्मीयता और आत्मविश्वास बढ़े।

राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग तथा वर्ल्ड रैंकिंग हेतु अभी से प्रयास प्रारंभ करने का निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपनी कमियों की पहचान करे, उन्हें दूर करे और आगामी मूल्यांकन के लिए ठोस रणनीति बनाए।

उन्होंने कुलपति एवं शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से छात्रावासों का भ्रमण करें, भोजन की गुणवत्ता की जांच करें और विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर उन्हें यह अनुभव कराएं कि विश्वविद्यालय उनका अपना परिवार है। छात्रावासों में केवल शाकाहारी भोजन परोसा जाए एवं विद्यार्थियों से नियमित फीडबैक लेकर व्यवस्थाओं में सुधार किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रकाशन, शोध पत्र, पेटेंट, और सहशैक्षिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल देते हुए कहा कि सभी गतिविधियों का सुसंगठित डॉक्युमेंटेशन किया जाए और हर माह उसकी प्रगति की समीक्षा हो।

राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में भी नियमित गतिविधियाँ आयोजित की जाएं तथा उनके अनुभवों एवं प्रयासों को संकलित कर पुस्तक का प्रकाशन किया जाएं, जिनका सामाजिक व शैक्षिक प्रभाव बढ़ सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि नए शिक्षक और छात्र-छात्राएं भी इन गतिविधियों से सहज रूप से जुड़ सकें।

राज्यपाल जी ने अपने संबोधन में ‘राजभवन बैंड अवस्मरणीय अनुभव’ पुस्तक का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार भिक्षा मांगने वाले बच्चों को विद्यालय में नामांकित कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा गया। उन्होंने राजभवन परिसर में स्थित विद्यालय के बच्चों के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग किया, जहाँ पहले प्रयास में द्वितीय स्थान और दूसरे प्रयास में प्रथम स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध किया कि प्रत्येक बालक में अद्भुत क्षमता होती है, बस उन्हें अवसर देने की आवश्यकता है।

राज्यपाल जी ने टीबी उन्मूलन अभियान पर आधारित पुस्तक का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक लगभग चार लाख टीबी रोगियों को टीबी मुक्त किया जा चुका है, जिसमें विश्वविद्यालयों व समाज की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने आंगनबाड़ी से संबंधित पुस्तक का उल्लेख करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों की भी चर्चा की और बताया कि अब तक 35,000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों तक आवश्यक किट समाज और विश्वविद्यालयों के सहयोग से पहुंचाई गई हैं। इन तीनो पुस्तकों का प्रकाषन राज्यपाल जी की प्रेरणा से जागरूकता बढ़ाने हेतु किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!