
न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता
वाराणसी सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से उत्पन्न शिक्षकों के अस्तित्व, मान-सम्मान एवं सेवा शर्तों में छेड़छाड़ के मुद्दे पर आर०टी०३० अधिनियम 2017 में संशोधन तक जारी रहेगा परिषदीय शिक्षकों का चरणबद आंदोलन। उक्त बार्ते टेट मुक्ति संयुक्त मोर्चा, वाराणसी के बैनर तले टेट की अनिवार्यता समाप्त करने हेतु गठित साहा। मंच द्वारा 20 सितम्बर को जनपद के लगभग 15 अनुषान्गिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा शिक्षक/ शिक्षिकाओं के उमडे समूह को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने एकमत से प्रस्ताव पास करते हुए कहा।वक्ताओं ने मा० मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए आभार ज्ञापित करते हुये कहा कि इससे शिक्षको को कुछ राहत जरूर मिली है किन्तु जानकार ने इसे आधी-अधूरी तैयारी से उठाया हुआ गया कदम बताया क्योंकि पुनर्विचार याचिका में शिक्षकों के लिए टी०ई०टी० के लिए 2 के बजाय 5 वर्ष की समय सीमा बढ़ाने की मांग, इंटरमीडियट बी०टी०सी०, उर्दू बी०टी०सी, सी०पी०एड०/ डी०पी०एड० योग्यता धारी शिक्षकों के बारे में कोई उल्लेख नहीं है साथ ही उनका कहना है कि ना० सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एन सी टी ई द्वारा दाखिल हलफनामा के आर०टी०ई० संशोधित अधिनियम’ 2017 के आलोक में ही दिया गया है, जिसमें सरकार आर०टी०ई० 2009 के अस्तित्व में आने से पहले यानी वर्ष 2011 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को इससे मुक्त रखने का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है।शिक्षकों ने सर्वम्मति से मांग रखा कि सरकार सर्वप्रथम आर०टी०डे० के अधिनियम 2017 में संशोधन कर वर्ष 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टी०ई०टी० की अनिवार्यता से मुक्त करते हुये पुनर्विचार याचिका की मजबूत पैरवी कर शिक्षकों को इससे निजात दिलाये, क्योंकि अपनी सेवा के स्वर्णिम 15-30 वर्ष संघ देने के बाद आज 50-55 वर्ष की उम्र में टी०ई०टी० की परीक्षा पास करने की अनिवार्यता न सिर्फ असंगत बल्कि अव्यवहारिक भी है। जिसपर मा० मुख्यमंत्री जी ने सैद्धांतिक सहमति जताते हुए उनके पूर्व की सेवाओं की खुले मन से तारीफ़ भी की है। ज्ञातव्य हो कि टेट मुक्ति संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अनपद के सभी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित शिक्षकशिक्षिकाओं का स्वतःस्फुर्त हुजूम कार्यालय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, परिसर से इस काले कानून को वापस लेने, शिक्षकों के मान सम्मान से खिलवाड बन्द करने, विभाग को प्रयोगशाला न बनाने, शिक्षकों को अवसाद की स्थिति से निकालने तथा मुख्यमंत्री जी की अबतक की मानवीय पहल की तारीफ के गगनभेदी नारे के साथ हाँथो में अपने मांगी व विभिन्न विसंगतियाँ लिखी तख्तियों लिए हुये मिडिया एवं लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकृष्ट करते चल रहे थे। जुलूस पुलिस लाइन चौराहा वाया गोलघर चौराहा होते हुये, कलेक्ट्रेट कार्यालय कचहरी पहुँचकर जिलाधिकारी द्वारा नामित को प्रधानमंत्री जी भारत सरकार तथा मानव संसाधन विकास मंत्री जी भारत सरकार को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा।
टेट मुक्ति संयुक्त मोर्चा वाराणसी के ज्ञापन कार्यक्रम में चेत नारायण सिंह पूर्व शिक्षक विधायक/प्रदेश अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ, उ0प्र0 तथा प्रो० जगदीश नारायण सिंह दीक्षित संयुक्त महामंत्री, संस्थापक सदस्य राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश महामहिम राज्यपाल उप्र द्वारा नामित निवर्तमान कार्य परिषद सदस्य वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्व विद्यालय जौनपुर की विशेष उपस्थिति रही ।