
न्यूज़ खबर इंडिया संवाददाता
वाराणसी कचहरी में शनिवार को अधिवक्ता हड़ताल कर पूरे दिन न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस दौरान अधिवक्ता दिनभर कचहरी में नारेबजी करते रहे। छोटे-छोटे जुलुस के शक्ल में अधिवक्ता पुलिस-प्रशासन विरोधी नारे लगाते रहे। अधिवक्ताओ के समर्थन में अब राजनेता भी कूद पड़े है। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने सीएम योगी को तो यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने पीएम मोदी को अधिवक्ताओं की ओर से खत लिखा है।
कोर्ट में प्रदर्शन, सुरक्षा बढ़ाई गई
अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में है। कोर्ट परिसर के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। डीसीपी स्तर के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि हालात को नियंत्रण में रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
बार एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इस हड़ताल के चलते वाराणसी कोर्ट में कामकाज प्रभावित हो सकता है। वकीलों ने संकेत दिए हैं कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है।
पुलिस प्रशासन व अधिवक्ताओं के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने के लिए वार्ता हो। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित नियम बनाए जाएं।
क्या है पूरा विवाद
मामला तब गरमाया जब वाराणसी में एक दरोगा की पिटाई के बाद पुलिस और वकीलों के बीच तनातनी शुरू हो गई। वकीलों ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर की, जिसमें वरुणा जोन की एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, और थाना प्रभारी कैंट शिवाकांत मिश्र समेत 50 अज्ञात दरोगा और सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। वकीलों ने नीतू कादयान पर अभद्र भाषा और अमर्यादित व्यवहार का आरोप लगाया, जिसके समर्थन में कुछ वीडियो साक्ष्य भी कोर्ट में पेश किए। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 सितंबर 2025 की तारीख तय की है